सूर्यवंशी शिक्षा समिति के द्वारा आयोजित वार्षिक उत्सव के अयोजन में शामिल हुए सभापति अंकित
बेलतरा -:- सूर्यवंशी शिक्षा समिति बिलासपुर के द्वारा पिछले 5 वर्षो से समाज के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने के उद्देश्य से कोचिंग क्लास का संचालन कर रहें हैं जिसमे कक्षा 1 से 12 वीं तक के छात्रों को पढ़ाया जाता हैँ और धीरे-धीरे सूर्यवंशी शिक्षा समिति की 28 शाखा संचालित हो रही हैँ और इसमें पढ़ाने वाले शिक्षक भी निःशुल्क शिक्षा दान करते हैँ । इसी तारतम्य में सूर्यवंशी शिक्षा समिति ने अपना वर्षगांठ मनाया इस अवसर पर प्रतिभा सम्मान में कक्षा 5,8,10 व 12 वीं में 75% अंक से अधिक अंक लेकर पास हुए बच्चों का व निःशुल्क शिक्षा दान करने वाले शिक्षकों का सम्मान किया साथ ही बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए कैरियर मार्गदर्शन दिया गया व समाज को आगे बढ़ाने हेतु जो अन्य समितियां काम कर रही हैँ उनको भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने अपने उद्वोधन में कहा की की मजबूत इमारत के निर्माण के लिए हमें इस बात पर भी विशेष ध्यान देना पड़ता है कि उसकी नींव भी मजबूत हो इसी तरह बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए उनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान देना हम सभी की जिम्मेदारी है क्योंकि यें बच्चें ही हमारे देश के भविष्य हैं और इस दिशा में सूर्यवंशी शिक्षा समिति के द्वारा किया जा रहा कार्य व प्रयास सराहनीय है।
जिला पंचायत सभापति ने की 5 की लाख की घोषणा
जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने सूर्यवंशी शिक्षा समिति के भवन निर्माण के लिए 5 लाख की घोषणा की और शिक्षा समिति के सदस्यों को हर स्तर पर संभव सहयोग करने की बात कहीं।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अरुण साव सांसद, जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा,रजनीश सिंह,रामेश्वर खरे,एन.के.डहरिया,मनीष सेंगर,साखन दर्वे,चंद्रप्रकाश सूर्या,रामकुमार सूर्यवंशी,डॉ.जयनेन्द्र सूर्यवंशी,डॉ.ईश्वरी सूर्यवंशी,सरपंच श्रीमती गंगोत्री बुधनाथ पैगोर,मुरलीधर गढ़ेवाल,रामकुमार सूर्यवंशी,अयोध्या प्रसाद भारद्वाज,
रामकिशोर टोडे,मोहन फरवीव,नीलकमल दिवाकर, रामलाल सूर्यवंशी,अंजोर दास सूर्यवंशी,विनोद कुर्रे , विश्वनाथ डहरिया,पुनीत खरे,नरेन्द्र लहरे,अशोक सूर्यवंशी,राकेश लसहे,ओमप्रकाश सूर्यवंशी,लव सोनवानी,चुन्नी लाल सिन्हा,नारायण फर्वी,लिकेश फर्वी, धन्नूचंद लाशकर,धनसाय सोनी,जागेस्वर बालमकुंद, शैलेन्द्र सोनी और सामाजिक सदस्यों का अभूतपूर्व योगदान रहा।
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