आबकारी विभाग की बहुत बड़ी लापरवाही,बैंक कर्मी पुलिस की गिरफ्त में

 बिलासपुर –जिले के आबकारी विभाग की एक और नाकामी सामने आई है जिसे एक बड़ी लापरवाही भीं कहा जा सकता, जिसमे बैंक कैशियर से मिली भगत कर ठेका कर्मचारियों ने एक करोड़ से अधिक का चूना लगा दिया, अगर आबकारी विभाग इस ओर सकरीयता दिखता  तो शायद इतनी बड़ी धोखाधड़ी नहीं होती, पर लगता है विभाग के बड़े अधिकारियों को सिर्फ बैठे-बिठाए तंखा चाहिए, अगर मैडम समय-समय पर इसकी जांच करने कहती तो शायद इतनी बड़ी लापरवाही नहीं होती, आपको बता दें जिले के आबकारी विभाग की कमान नीतू नथानी के हाथों में है, पर लगता है अब ये जिम्मेदारी उठा पाने में मैडम के कंधे कमजोर पड़ गए है,

जिले में खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अवैध चखना सेंटर चल रहे, ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब की बिक्री की धड़ल्ले से हो रही है, जिस पर कई बार तो पुलिस ने कार्रवाई की और इसकी भनक आबकारी विभाग को लगती ही नहीं है पता नहीं जिले की आबकारी विभाग में क्या चल रहा है  यह समझ से परे है आपको बता दें नीतू नथानी डिप्टी कमिश्नर है जिन्हे न्यायधानी में असिस्टेंट कमीशर बनाकर बैठाया गया है। बता दे प्रदेश में पुलिस विभाग समेत अन्य वीभाग में अनगिनत तबादले हुए पर मैडम की कुर्सी जरा भी नहीं हिली, जिसे देखकर तो यही लगता है कि विभाग के बड़े अधिकारी भी मैडम के ऊपर पूरी तरह मेहरबान है,मीडिया कर्मी से मिलने का समय भी मैडम के पास नहीं है कई बार मीडिया कर्मी जाते हैं तो मैडम की कुर्सी खाली रहती है लगता है मैडम वर्क फ्रॉम होम कर रही है और इधर विभाग को चूना लग रहा है।


जानिए क्या है पूरा मामला


बैंक के कैशियर से मिलीभगत कर आबकारी के ठेका कर्मचारियों ने विभाग को 1 करोड़ 47 लाख 53 हजार का चूना लगा दिया। सेल की रकम को बैंक में जमा ना करके कैशियर द्वारा फर्जी जमापर्ची लेकर यह कारनामा किया जाता रहा है। ऑडिट में बैंक खाता और जमा पर्चियों में मिलान नहीं होने पर ठेका कंपनी के अधिकारियों ने बैंक से संपर्क किया। तब पूरा मामला सामने आया। बैंक मैनेजर ने कैशियर और उसके साथियों के खिलाफ सिविल लाइन पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। व्यापार विहार के एक्सिस बैंक के प्रबंधक दुर्जती मुखर्जी ने सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी की शिकायत की है। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि बैंक में छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कापोर्रेशन का खाता है। शराब बिक्री की रकम को टफ सिक्योरिटी के कर्मचारी दुकानों से


लाकर छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग के खाते में जमा कराते हैं। कंपनी की ऑडिट में पता चला कि बैंक खाते में एक करोड़ 47 लाख 53 हजार रुपए कम जमा हुए हैं। इसकी जमा पर्चियां कंपनी के पास मौजूद थीं। कंपनी के अधिकारियों ने इसकी शिकायत बैंक में की। इस पर बैंक प्रबंधन की ओर से इसकी जांच कराई गई। जांच में पता चला बैंक कैशियर राकेश प्रसाद द्वारा ये पर्चियां जारी की गई थी। इस पर बैंक प्रबंधन ने कैशियर से पूछताछ की। इसमें कैशियर ने बताया कि टफ सिक्योरिटी के कर्मचारी उसे बिना रकम दिए फर्जी पर्चियां लेकर जाते थे। इसके एवज में कैशियर को कमिशन दिया जाता था। कमिशन के लालच में उसने कर्मचारियों को उनसे आबकारी विभाग के पैसे लिए बगैर ही उन्हें फर्जी पर्चियां बनाकर दे दी थीं। पुलिस ने इस मामले में बैंककर्मी सहित अन्य के खिलाफ धारा 120 (बी), 420, 467, 468 के रहत केस दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी है।

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