कानन पेंडारी के अधीक्षक की जगह खुद को अधीक्षक बोलने लगे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कहते है हम ही है रेंजर

 बिलासपुर–कानन पेंडारी में बड़ी लापरवाही देखने को मिला कानन पेंडारी की जितनी तारीफ की जाये शायद कम होगा...घूमने आए लोगो के साथ अभद्र व्यवहार और खुद को साहब समझना कर्मचारियों की आदत बन चुकी है..जिसकी वजह से यहाँ पर विवाद की स्थिति निर्मित होती है.....


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बिलासपुर से तकरीबन 10  किलोमीटर दूर पर स्थित कानन पेंडारी है..जहा पर बिलासपुर के अलावा दूर दूर से लोग घूमने आते है...यही नहीं कई लोग   इसकी तारीफ़ भी करते है लेकिन वो कहते हैं न की कुक लोगो को अपनी तारीफ़ हजम नहीं हो पाता है...बस यह कानन पेंडारी का भी यही हाल है...जो अब पहले जैसा नहीं रहा बल्कि विवादों में और सुर्खियों में बने रहने लगा है...हम आपको बता दे अवैध दुकानों को संरक्षण देना और गेट पर खड़े कर्मचारी खुद को साहब से कम नहीं समझते है..

हुआ यु की बीते दिनों एक परिवार कानन घूमने आया था जिन्होंने अपना परिचय भी दिया तब गेट पर खड़े कर्मचारी  

ने किसी बड़े साहब से बात कराने की बात कही...उन्होंने साहब से भी बात करवाने की कोशिश की...लेकिन वे लोग नहीं माने बल्कि अंदर जाने से रोकने लगे....जिससे विवाद की स्थिति निर्मित हो गयी थी..हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ जैसा होना था लेकिन जिस तरह से कानन पेंडारी और उसमे काम करने वाले लोग जिस तरह से अकड़ बाजी दिखाए थे वह  

एकदम चिंता का विषय है....जबकि डीएफओ का कहना रहता है की कोई भी किसी से बदतमीजी नहीं करेगा और विवाद तो बिलकुल नहीं करना है.....

लेकिन हो बिलकुल  उलटा रहा है....


कानन पेंडारी का यह  हाल बेहाल करने वाला है..जहा पर आये पर्यटकों को न सिर्फ किसी से बात सुनना पड़ा बल्कि गेट में खड़े लोग बदतमीजी करने से जरा भी बाज नही आ रहे है....वैसे सूत्र  

बता रहे है की इसकी शिकायत डीएफओ से भी की गयी है....जिसमे ऐसी उम्मीद की जा रही है की अब कानन में ऐसा बिलकुल नहीं होगा.....लेकिन देखना होगा की  आखिर कब तक  यहाँ के लोगो में सुधार आएगा.....

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