रतनपुर स्वास्थ्य केंद्र में नही दिया जा रहा प्रसूतियो को पौष्टिक आहार, बीएमओ साहब बहुत ज्यादा व्यस्त है पत्रकार का फोन उठाना जरूरी नही समझते
बिलासपुर–रतनपुर कोटा ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत प्रसूताओं को पौष्टिक भोजन क्यों नही दिया जा रहा है ?
प्रभारी द्वारा समय समय पर इन जच्चा बच्चा का पोषण युक्त खाने का जायजा क्यों नही लेते,क्यों किसी प्रसूता का शिकायत का इंतजार किया जा रहा है?
इन गरीबो के हक का खाना कहा जाता है?
अधिकांश सीएचसी(सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों) पर निर्धारित मेन्यू के अनुसार भोजन, नाश्ता उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, और विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से बिल भुगतान करवा लिया जा रहा है।
रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य में प्रसूताओं को मिलने वाले भोजन व नाश्ते देने की दावों की पोल खुलती नजर आई। जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत गर्भवती महिला प्रसव से पूर्व या प्रसव के बाद अस्पताल में भर्ती होती है तो उसे पोषणयुक्त दोपहर व रात्रि भोजन और सुबह का नाश्ता निशुल्क देने का प्रावधान है।
सामान्य प्रसव में दो दिन व सिजेरियन प्रसव के मामले में पांच दिन तक यह सुविधा प्रदान की जाती है। इसके लिए प्रति मरीज 180 रुपये की दर से अनुबंध किया गया है।
अनुबंध की शर्तों के अनुसार ठेकेदार को इस 180 रुपये में सुबह सात बजे से 07:30 बजे तक एक ग्लास दूध के साथ 4 बिस्किट/टोस्ट लड्डू/मूंगफली/रागी/बेसन/राजगीर/सोंठ अलसी 40 ग्राम दिया जाना है।सुबह 9,00 बजे सभी युक्त पोहा,उपमा, दालिया, हलुआ, सुजी आटा , मूंग ,लौकी,कद्दू शकरकंद,आदि 100 ग्राम 3 इडली सांभर ,पराठा,पूरी एवम सब्जी उबला अंडा 1अंकुरित मूंग,चना,मूंगफली 30 से 50 ग्राम,दूध 200 ml
भोजन में दोपहर 12 से 1 बजे तक चार रोटी, दाल, मौसमी सब्जी,/पनीर, मसरुम 100 ग्राम चावल व सलाद सीका हुआ पापड़/मौसमी फल 04 बजे दूध 1 कप, ड्राई फ्रूट काजू किशमिश,बादाम ,खजूर मिलाकर 50 ग्राम,सुखा नारियल,गुड,छुहारा,।ढोकला,चिक्की,मुर्रा,भुना चना,मूंगफली 50 ग्राम और रात के भोजन में शाम सात बजे से 08:30 बजे तक चार रोटी, मौसमी सब्जी, चावल व मौसमी फल (सेब, संतरा, केला आदि)प्रोटीन युक्त भोजन/एक ग्लास दूध देना होता है, लेकिन इस मेन्यू का रतनपुर अस्पताल में मखौल उड़ाया जा रहा है।
यहाँ प्रसूता महिला रिया सूर्यवंशी रानीपारा
जानकारी लेने पर बताया गया की सुबह चाय और खिंचढ़ी दिया गया दोपहर को दो रोटी, दाल,चावल,सब्जी ,रात 9 बजे वही दाल,चावल,सब्जी,के अलावा कुछ नही दिया गया
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जबकि सुबह नाश्ते में दो सौ मिली लीटर दूध के स्थान पर चाय से कार्य चला लिया जा रहा है। नाश्ते में दूध के अलावा अंडा, दलिया, पोहा, ब्रेड व मक्खन बदल-बदलकर देने का प्रावधान है, लेकिन यहां चाय और मीठा दलिया ही दे दिया जा रहा है।
दोपहर के भोजन और, रात में सब्जी, रोटी, चावल के अलावा कुछ भी नही दिया जा रहा है। मौसमी फल व दूध लड्डू कुछ भी नहीं दिया जा है।
यह व्यवस्था एक दिन की नहीं है, इसके बावजूद भी अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारी कभी इस व्यवस्था की हकीकत नहीं देखते हैं और बिल भुगतान के लिए अग्रसारित कर देते हैं। रतनपुर कोटा ब्लॉक के अस्पतालों में मरीजों को सिर्फ चावल, दाल ,सब्जी, रोटी,के अलावा,किसी पोस्टिक खाना का दर्शन नहीं होते हैं।
प्रसूता
*रतनपुर सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र में सिंघारी निवासी नम्रता देवी, ने बताया कि शनिवार सुबह चाय दलिया,दोपहर चावल दाल ,भाजी सब्जी और दो रोटी के अलावा कुछ भी नहीं दिया गया।रात को क्या देंगे पता नही भूख लगती है तो बाहर से खरीद कर खाते है।
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ठेकेदार सुखदेव सूर्यवंशी
सामुदायिक स्वस्थ केंद्र रतनपुर
तीन माह से पेमेंट नही मिला मरीजों को कैसे खिला रहे है हमे पता है सामने वाले होटल से खाना लेकर खिला रहे है ओ भी उधार देने से मना कर रहे है।
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बी पी एम
डा.श्वेता सिंह
दो माह से रतनपुर आना नही हुआ तो मुझे जानकारी नहीं है और ऐसा हो रहा है तो गलत हो रहा है गर्भवती महिलाओ को सही और सभी पोष्टिक भोजन मिलना चाहिए।
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डा.अविनाश सिंह प्रभारी सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र रतनपुर
अभी तक किसी की शिकायत नहीं आई है जानकारी लेता हु
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बीएमओ
डा. निखलेश गुप्ता
फोन से जानकारी लेनी चाही गई तो थोड़ी देर में बार करता हु कहते हुए फोन काट दिया जाता है
अब फोन हो नही उठा रहे है
एक तरफ जहा राज्य सरकार घोषणा कर रही है एक फोन पर डॉक्टर पहुंचने की
वही दूसरी तरफ उसी की योजना को दरकिनार कर पोष्टिक आहार से वंचित किया जा रहा गरीब महिलाओं,को
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