विक्रम-टीसीआर धान किस्म के प्रचार-प्रसार हेतु प्रक्षेत्र दिवस का भव्य आयोजन, किसानों को दी गई उन्नत तकनीकी जानकारी
बिलासपुर। बीएआरसी-मुंबई और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से विकसित धान की उन्नत एवं उत्परिवर्तित किस्म विक्रम-टीसीआर के प्रचार-प्रसार और उसके लाभों से कृषकों को अवगत कराने हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र, बिलासपुर द्वारा एक दिवसीय प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन कृषि महाविद्यालय, बिलासपुर के सभागार में किया गया। कार्यक्रम का आयोजन वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. गीत शर्मा के मार्गदर्शन में हुआ, जिसमें देश के प्रमुख वैज्ञानिकों ने इस किस्म की विशेषताओं, तकनीकी लाभों और भविष्य की संभावनाओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। मुख्य वक्ता डॉ. पी.ए. हसन (निदेशक, जैव विज्ञान समूह, बार्क, मुंबई) ने बताया कि विक्रम-टीसीआर धान किस्म पारंपरिक किस्मों की तुलना में अधिक उपज देने वाली, रोग प्रतिरोधक, कम अवधि में तैयार होने वाली और मध्यम ऊंचाई के कारण फसल के गिरने की समस्या से मुक्त है।
इस किस्म को विशेष रूप से किसानों की व्यावहारिक समस्याओं को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। डॉ. ए.डी. बलाल ने यह भी जानकारी दी कि बार्क द्वारा अब अन्य दलहन और तिलहन फसलों के बीज भी तैयार किए जा रहे हैं, जो शीघ्र ही किसानों को उपलब्ध होंगे। कार्यक्रम में डॉ. बी.के. दास, डॉ. दीपक शर्मा, डॉ. एन.के. चौरे सहित अनेक वैज्ञानिकों ने इस किस्म की विशेषताओं, उपज बढ़ाने की तकनीकों और इसके व्यापक उपयोग की दिशा में कृषकों को मार्गदर्शन दिया। इस अवसर पर प्रगतिशील किसान राघवेंद्र सिंह चंदेल को इस किस्म के प्रचार-प्रसार में योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शिल्पा कौशिक और आभार प्रदर्शन डॉ. निवेदिता पाठक ने किया। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों, कृषि विभाग के अधिकारियों और बड़ी संख्या में किसानों की उपस्थिति रही, जिससे यह आयोजन एक सफल ज्ञानवर्धक मंच के रूप में सामने आया।


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